डायबिटिज (Diabetes)
डायबिटिज
(Diabetes)
आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।
मधुमेह कैसे होता है (
How does diabetes)
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलना होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
मधुमेह के लक्षण (Symptoms of diabetes)
-ज्यादा प्यास लगना
-बार-बार पेशाब का आना
-आँखों की रौशनी कम होना
-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
-बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
-चक्कर आना
-चिड़चिड़ापन
जानें क्या हैं मधुमेह के शुरुआती लक्षण
थकान महसूस होना
डायबिटीज होने पर इसके शुरुआती दिनों में आपको सारा दिन थकान महसूस होगी। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और शरीर में थकान सी महसूस होगी। इससे यह पता चलता है की खून में शुगर का लेवल लगातार बढ़ रहा है।
लगातार पेशाब लगना
मधुमेह होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।
अत्यधिक प्यास लगना
मधुमेह रोगी को बार-बार प्यास लगती है। चूंकि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है। लोग अक्सर इस बात को हल्के में ले लेते हैं और समझ ही नहीं पाते कि उनकी बीमारी की शुरुआत अब हो चुकी है।
आंखें कमज़ोर होना
मधुमेह रोग की शुरूआत में आंखों पर काफी प्रभाव पडता है। डायबिटीज के मरीज में रोग की शुरूआत में ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई पडने लगता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए उसे आंखों पर ज़ोर डालना पडता है।
अचानक वज़न कम होना
मधुमेह रोग की शुरूआत में ही अचानक वज़न तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है।
जोर से भूख लगना
डायबिटीज के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख में बढोतरी भी होती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है।
घाव का जल्दी न भरना
अगर आपके शरीर में चोट या कहीं घाव लग जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें संक्रमण के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे।
घरेलु उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे (Home Remedies)
1. करेले का रस
करेला रक्त में शर्करा के प्रभाव को कंट्रोल करने में सहायक है। करेला दोनों तरीके के मधुमेह के उपचार में फ़ायदेमंद है। करेले के जूस को सुबह खाली पेट पीना लाभदायक है। सब से पहले 2 से 3 करेले लें और इसके बीज अलग कर के करेले का रस निकाल ले, अब इसमें थोड़ा पानी डाल कर पिए। इसके इलावा अपने भोजन में भी करेला का बना हुआ आहार शामिल करे।
2. आंवले से डायबिटीज कम करे
2 से 3 आंवले ले कर उसके बीज निकाल कर आंवले को पीस ले और एक पेस्ट बना ले। अब एक साफ़ कपड़े में ये पेस्ट डाल कर इसका रस निचोड़ ले और इसमें 1 कप पानी मिला कर रोजाना खाली पेट पिए। आप 1 कप करेले के जूस में भी आंवले के रस के 1 से 2 चम्मच मिला कर पी सकते है।
3. जामुन और आम
जामुन भी रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। जामुन के पत्ते, बीज और बेर हर चीज़ शुगर का इलाज करने में प्रयोग होती है। जामुन के सूखे बीजों को पीस ले और पानी के साथ दिन में 2 बार ले।
आम के पत्तों को भी शुगर कम करने की आयुर्वेदिक दवा में प्रयोग कर सकते है। 10 से 12 आम के पत्तों को रात भर 1 गिलास पानी भिगो कर रख दे, इस पानी को खली पेट पिए। इसके इलावा आम के पत्तों को छाया में सुख कर पीस ले और रोजाना आधा चम्मच पाउडर दिन में 2 बार ले।
4. एलोवेरा का प्रयोग करे
एलोवेरा भी शुगर को कंट्रोल करने मे फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा के सेवन से कुछ दिनों में ही sugar control में आने लगेगी। एलोवेरा के पत्तों को रात भर 1 गिलास पानी मे भिगने के लिए रख दे और सुबह खाली पेट ये पानी पिए। एलोवेरा के पत्तों को छील कर रस को भी पी सकते है और इसकी सब्जी बना कर भी खा सकते है।
5. गेंहू के ज्वारे से (Sugar control)
गेंहू के ज्वारे (wheatgrass) को धरती की संजीवनी बूटी भी कहते है जिसे अलग अलग बिमारियों के ईलाज मे प्रयोग किया जाता है। जब गेंहू को जमीन में बोने के बाद कुछ दिनों में इसकी पत्तियां निकालने लगती है, इन्हीं पत्तियों को गेंहू का ज्वारा कहते है। 5 से 7 दिन का ज्वारा काफी फायदेमंद होता है, जो शरीर को अच्छे तरीके से काम करने की ताक़त देता है। Wheatgrass शुगर कंट्रोल करने में बहुत लाभकारी है, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स रक्त में शर्करा के स्तर की विनियमित करता है। टाइप – 2 sugar में भी गेंहू के ज्वारे के रस का सेवन फायदा करता है।
6. मेथी के दाने
मेथी को भी शुगर कंट्रोल करने और रक्त में शर्करा के स्तर को सुधारने के लिए प्रयोग कर सकते है। रात भर पानी में 2 चम्मच मेथी के दाने भिगोएे और सुबह खाली पेट बीजों को चबा चबा कर खाये और पानी पिए या फिर 2 चम्मच मेथी के दानों का पाउडर दूध के साथ ले।
7. दालचीनी से
दालचीनी पाउडर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। 1 कप हलके गर्म पानी 1 चम्मच दालचीनी पाउडर डाल कर हर रोज पिए या फिर 1 कप पानी में 2 से 4 लटें दालचीनी की दाल कर उबाल ले और ठंडा होने के लिए छोड़ दे फिर पिये।
परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
1. करेला, मेथी, जामुन, लहसुन, प्याज़, अलसी, दालचीनी का पानी, फाइबर युक्त आहार जैसे कि सेब, मूंग दाल, जई, सोयाबीन इत्यादि मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं।
2. स्वास्थ्यकारी प्रोटीन लें जैसे कि फलियाँ, मछली, या त्वचारहित चिकन।
3. स्वास्थ्यवर्धक वसा युक्त आहार जैसे कि जैतून का तेल, मेवे (बादाम, अखरोट, पेकंस), और एवोकेडो।
4. लाभकारी वसा जैसे कि ओमेगा 3 और एमयूएफ़ए भी लिए जाने चाहिए क्योंकि ये शरीर के लिए अच्छे होते हैं। इनके प्राकृतिक स्रोत केनोला तेल, अलसी का तेल, वसायुक्त मछली और मेवे हैं।
5. फाइबर की अधिकता वाले फल जैसे कि पपीता, सेब, संतरा, नाशपाती और अमरुद लेने चाहिए। आम, केले, और अंगूर में शक्कर अधिक होती है इसलिए इन्हें दूसरे फलों की अपेक्षा कम खाना चाहिए।
Posted on 2018-01-29 23:03:58
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