पेशाब का गाढ़ा होना (Thickening of urine)
पेशाब का गाढ़ा होना
(Thickening of urine)
वैसे तो मानव शरीर में प्रत्येक अंग महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हमारे लिए गुर्दे का है। क्योंकि गुर्दा हमारे शरीर से गंदगी को साफ करने में अहम भूमिका निभाता है और अगर जरा सी गड़बड़ी होती है तो हमें पेशाब के रंग के जरिए पता चल जाता है, क्योंकि पेशाब रंग बदलना आपके शरीर के अंदर रोग के जन्म लेने के संकेत होते हैं।
#पेशाब का रंग हल्का पीला होना
अगर आप के मुत्र का रंग हल्का पीलेपन पर है या फिर बिल्कुल पानी की तरह साफ है, इसका मतलब है की, आपके शरीर का प्रत्येक अंग भली भांति कार्य कर रहा है और आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
पेशाब का रंग पीला होना
अगर आपकी यूरिन का रंग पीले रंग का है, इसका मतलब है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो चुकी है। अगर आप पानी कम पीते हैं तो, पहले से अधिक मात्रा में पानी पीना चालू कर दें। यह अपने आप अपने सामान्य रंग में बदल जाता है।
पेशाब का रंग गाढ़ा पीला होना
यदि आपके यूरिन का रंग एकदम से गाढ़ा और पीलेपन पर है तो यह अच्छे संकेत नहीं है। इसका मतलब है, आपका लिवर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है और आपको लीवर की या फिर हेपेटाइटिस की प्रॉब्लम हो सकती हैं।
पेशाब का रंग दूधिया सफेद
आप का पेशाब दूधिया सफेद रंग का है तो इसका मतलब है कि आप के पेशाब में बैक्टीरिया बन चुके हैं। क्योंकि ऐसा तब होता है, जब आप के मूत्रमार्ग के रास्ते में संक्रमण पैदा हो जाए या फिर आपकी गुर्दे यानि की किडनी में पथरी बनने लगती है। इस तरह के संकेत आने पर आप डॉक्टर से एक बार जरूर जांच करवाएं।
पेशाब का रंग लाल हल्का गुलाबी होना
आपकी यूरिन का रंग हल्का गुलाबी या फिर लाल इसलिए भी हो सकता है कि आपने चुकंदर या स्ट्रॉबेरी खाया होगा अगर यह सब खाया है तो इस पोस्ट पर ध्यान ना देना. लेकिन आप अगर सामान्य तौर पर इस तरह का पेशाब करते हैं, यानि कि आप खाना नॉर्मल खाए हुए हैं, कोई ऐसी चीज नहीं खाए हैं और तब आपको अगर आता है तो आपको पेशाब में लाल रंग का खून भी हो सकता है। तो यह बेहद चिंताजनक होगा, इसको डॉक्टर को तुरंत दिखाएं. ऐसा अधिकतर तब देखा जाता है या तो कुछ लोग जब अपने शरीर की क्षमता से अधिक व्यायाम करते हैं उनके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाते हैं और उनके पेशाब के रास्ते से पेशाब में मिक्स हो करके ब्लड आने लगता है।
यह गुलाबी रंग का या लाल रंग का यूरिन आना शुरू हो जाता है या फिर यह किसी अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है. दोस्तों, इसीलिए इसे डॉक्टर को जरुर दिखाए. हाँ नोट याद रखेंगे अगर आपने चुकंदर या स्ट्रोबेरी खाया है, तब ये एक सामान्य बात है।
नारंगी रंग का यूरिन आना
जब कई बार दवा खाते हैं तो यह नारंगी रंग पैदा कर सकती हैं। विशेषकर यूरिन से जुड़ी समस्याओं को सही करने के लिए कुछ ऐसी दवाएं होती हैं, जब की पेशाब का रंग नारंगी रंग में बदल जाता है। और इसके अलावा कुछ लोगों को गाजर खाने से भी यह गाजर के रस जैसा यानी कि पानी में मिक्स गाजर के रस जैसा यूरिन आता है, तो उस कंडीशन में आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
नीला या हरा यूरिन आना
पेशाब संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए जो दवाइयां बनाई जाती हैं उनमे विशेष डाई का इस्तेमाल होता है। जिसकी वजह से भी आपके पेशाब का रंग हल्का नीला या हरे रंग में बदल जाता है। अगर आपने इस तरह की कोई दवाई पी है या खाई है तो चिंता करने की बात नहीं है। क्योंकि ऐसा होना स्वाभाविक है या फिर आपने कुछ ऐसा खाना खाया हो जिसमें आर्टिफिशियल रंग का इस्तेमाल किया गया हो, तब भी आपके पेशाब का रंग नीला या हरा हो सकता है. और अगर इन दोनों में से कोई कारनामा आपने नहीं किया यानि की आपने ऐसा कुछ नहीं खाया है और तब आपको अगर ऐसे रंग की यूरिन आती है तक चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें।
मूत्र में स्वाभाविक रूप से कुछ पीले रंग (पेशाब का पीलापन) का होता है जिन्हें यूरोबिलिन या यूरोक्रम कहा जाता है। गहरा मूत्र है, इसे अधिक गाढ़ा होना चाहिए। गहरे रंग का मूत्र सामान्यतः निर्जलीकरण के कारण होता है हालांकि, यह एक संकेत हो सकता है कि शरीर में अत्यधिक, असामान्य या संभावित खतरनाक अपशिष्ट उत्पादों हैं।
● सामान्य मूत्र का रंग पीला से गहरा एम्बर तक होता है जो एक वर्णक, जिसे urochrome कहा जाता है उससे आता है। कुछ खाद्य पदार्थों और दवाओं में कलर और अन्य यौगिकों से मूत्र रंग को बदल सकता है। रंगों को प्रभावित करने की संभावना वाले खाद्य पदार्थों में बीट्स, जामुन और ब्लैकबेरी, कुछ विटामिन, सेम, कई ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं आदि शामिल है।
● आप जितना पानी पीते हैं, उसके आधार पर सामान्य मूत्र का रंग बदलता रहता है। तरल पदार्थ का अधिक सेवन मूत्र में पीला रंग कम करता है जबकि कम तरल का सेवन, पेशाब के रंग अधिक गहरा करता है। गंभीर निर्जलीकरण मूत्र को एम्बर के रंग का कर सकता है।
● कुछ मामलों में मूत्र लाल, नीले, हरे, गहरे भूरे रंग सहित, सामान्य से अलग कोई और रंग बदल सकता है। मूत्र रंग में परिवर्तन विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है। यदि आप अपने मूत्र रंग में कोई असामान्यताएं देखते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर को देखना चाहिए। यूरिन की यूरिन एनालिसिस urinalysis लाल रक्त कोशिकाओं की जांच कर सकता है, मूत्र प्रोटीन के स्तर का आकलन कर सकता है, और यह निर्धारित कर सकता है कि उत्सर्जित सामग्री में क्या मौजूद हैं।
● संक्रमण के कारण बैक्टीरिया के लिए भी मूत्र की जांच हो सकती है यदि संक्रमण के संकेत हैं, तो एक यूरिन कल्चर कराया जा सकता है। एक रक्त परीक्षण गुर्दा फंक्शन और यकृत एंजाइम के स्तर को माप सकता है । ये परिणाम आपके मूत्र में रंग परिवर्तन के कारण के रूप में एक सुराग दे सकते हैं।
नार्मल पेशाब, जब शरीर में पानी पर्याप्त है, का रंग पानी जैसा होता है। यदि पेशाब पीला आ रहा है और साथ में कोई अन्य लक्षण नहीं है, तो इसके निम्न कॉमन कारण हो सकते हैं।
《1》निर्जलीकरण (Dehydration):-
शरीर में जब पानी की कमी हो जाती है तो पेशाब का रंग भी पीले रंग का हो जाता है। जब शरीर को में पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, तो मूत्र में यूरोबिलिन की एकाग्रता बढ़ जाती है। Urobilin एक अपशिष्ट उत्पाद है, जो हीमोग्लोबिन विघटन के परिणामस्वरूप, बनता है। जो लोग अधिक पानी पीते हैं और हाइड्रेटेड रहते हैं, वे आम तौर पर अधिक पतला, पीला मूत्र का उत्पादन करते हैं।
《2》भोजन (Food):-
आहार, विटामिन, और खनिज, मूत्र के रंग को काफी प्रभावित कर सकता है। जिन भोज्य पदार्थों में बीटा कैरोटीन, या गहरा रंग होता है वे पेशाब का रंग बदल देते हैं। बीटा कैरोटीन, जिसे विटामिन ए में परिवर्तित किया जाता है, पीले और नारंगी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जैसे गाजर और शकरकंद । खट्टे फल के अलावा, विटामिन सी भी टमाटर, स्ट्रॉबेरी, और ब्रोकोली में पाया जाता है। बीट्स, ब्लैकबेरी और रेबर्ब मूत्र को लाल या गुलाबी बना सकते हैं। ऐसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ, जैसे जामुन और बीट्स और भारी संसाधित खाद्य पदार्थ जिसमें उच्च मात्रा में भोजन डाई शामिल हो सकते हैं, यह पेशाब के नार्मल रंग से इंटरैक्ट कर एक न्या रंग दे सकता है।
अतिरिक्त बीटा कैरोटीन या विटामिन सी से भी मूत्र के रंग में बदलाव हो सकता है।
□ कैरोटीन
□ बी विटामिन
□ बीट्स
□ बीन्स
□ ब्लैकबेरी
■ कुछ अन्य भोज्य पदार्थ:-
भोजन द्वारा पेशाब का रंग यदि डार्क हो रहा है तो यह कोई खतरे की बात नहीं है। जब शरीर से यह साफ़ हो जाता है तो पेशाब का रंग भी नार्मल हो जाता है।
■ व्यायाम Exercise:-
यदि आप कसरत के बाद ठीक से पानी नहीं पीते हैं, तो यह निर्जलीकरण और पीले मूत्र का कारण हो सकता है। उचित हाइड्रेशन के बिना अधिक व्यायाम एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है जिससे मांसपेशियों टूट सकती है। इससे बहुत दर्द होता है और पेशाब का रंग भी बदल जाता है।
■ कोई अन्य रोग का लक्षण:-
गुर्दे, यकृत या मूत्राशय के ठीक से फंक्शन नहीं करने से भी पेशाब का रंग बदल सकता है। यदि पेशाब से बदबू आती है तो मूत्राशय या गुर्दा संबंधी संक्रमण हो सकता है। यह अन्य लक्षणों जैसे पेशाब में दर्द, बुखार , उल्टी , या पीठ दर्द के लक्षण के साथ हो सकता है।
■ गर्भावस्था:-
प्रेगनेंसी के शुरू में पेशाब का रंग कुछ बदल जाता है। पेशाब का रंग ब्राइट येलो हो सकता है।
■ दवाएं:-
कुछ दवाएं भी पेशाब के रंग में बदलाव ला सकती हैं, जैसेकि एंटीबायोटिक दवाएं, मलेरिया की दवा या मसल्स रेलेक्सेंट आदि। बी-विटामिन, जैसे कि रिबोफ़्लिविन (बी-2) और कोबोलामिन (बी -12), फ्लोरोसेंट पीले-हरे मूत्र के कारण के लिए भी जाना जाता है । यदि आप मल्टीविटामिन लेते हैं , तो वे यह चमकीले रंग के मूत्र का स्रोत हो सकते हैं।
Posted on 2018-01-25 02:17:17
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